भारत मां के लाल स्वयं माता का आंचल बांट रहे हैं। भारत मां के लाल स्वयं माता का आंचल बांट रहे हैं।
आज़ादी के अलबेले शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर आएं। आज़ादी के अलबेले शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर आएं।
वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा... वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा...
सागर लहरें अंबर डोले, मुश्किलें जब अपना मुंह खोले, तब जाकर प्रभु का द्वार खुले, जैसे सागर लहरें अंबर डोले, मुश्किलें जब अपना मुंह खोले, तब जाकर प्रभु का द्वार ...
हाँ गुजरना था बचपन एक दिन गुज़र गया, मगर अपना बचपना खोने ना दूँगी। हाँ गुजरना था बचपन एक दिन गुज़र गया, मगर अपना बचपना खोने ना दूँगी।
बात सच्ची है यही.... बात सच्ची है यही....